
HMPV Updat : प्रदेश में ठंड बढ़ने के साथ ही निमोनिया के मरीज भी बढ़ रहे हैं लेकिन अभी तक एचएमपीवी जांच शुरू नहीं हो पाई है। यही वजह है कि लक्षण होने के बाद भी प्रदेश में अब तक नए वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। रिम्स में जांच के लिए किट पहुंच चुकी है जिसके बाद अब जल्द जांच शुरू होने की उम्मीद है।
फेफड़े व सांस की समस्या वाले मरीजों के सैंपल की जांच जरूरी, जल्द शुरू होने की उम्मीद
कोरोना की तरह घातक नहीं है एचएमपीवी वायरस, डरने की नहीं है जरूरत
जांच की व्यवस्था नहीं
निजी जांच लैब में भी अभी तक इस संक्रमण के जांच की व्यवस्था नहीं है। डाक्टर ऐसे गंभीर मामलों में जांच कराने को इच्छुक हैं, लेकिन जांच नहीं होने की वजह से जांच के लिए अभी नहीं सलाह दे रहे हैं।
रिम्स में शुक्रवार को 50 जांच किट पहुंच चुके हैं। निजी लैबों में अभी जांच की तैयारी चल रही है, जो अगले एक-दो दिनों में शुरू करने का दावा किया जा रहा है।
गंभीर मरीजों की होगी जांच
रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार बताते हैं कि किट पहुंच चुकी है और जो गंभीर मामले सामने आएंगे उन्हीं की अभी जांच कराई जाएगी।
इन मामलों में जो क्रोनिकल डिजीज से पीड़ित हैं और सांस की गंभीर समस्या दिख रही है, साथ ही फेफड़े की समस्या वालों का टेस्ट पहले होगा।बुजुर्ग व बच्चों को गंभीर बीमारी या अन्य स्वास्थ्य समस्या हो तो सैंपल जांच के लिए लिया जा सकता है।
डॉ. राजकुमार ने बताया कि एचएमपीवी से अधिक खतरा नहीं है। यह पुराना वायरस है और यह गले तक ही रहता है। जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है उन्हें निमोनिया या फेफड़े का संक्रमण हो सकता है, लेकिन यह कोरोना की तरह घातक नहीं है।
सदर में निमोनिया के मरीज पहुंच रहे
सदर अस्पताल में निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ से ग्रसित बच्चों को लेकर स्वजन इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं। बच्चों के लिए बने पीकू वार्ड में निमोनिया व सांस की समस्या से ग्रसित बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।