
बरकट्ठा। कोलकाता से बिहार आने वाली जीटी रोड़ से यात्री बसों में इन दिनों एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। यात्रियों की जगह अब इन बसों में भारी मात्रा में मछलियों, खासकर मांगुर मछली, की ढुलाई की जा रही है। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन को इसकी पूरी जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही हैं।

दो दिन पूर्व की एक घटना में एक बस जिसमें यात्रियों की संख्या कम और मछलियों की भारी मात्रा थी, जो गोरहर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाराटांड़ मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गई। इस दुर्घटना में जानमाल की कोई बड़ी क्षति तो नहीं हुई। लेकिन ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर मछलियों को लूट लिया।

यह घटना सवाल खड़े करती है कि आखिर बसों में इस तरह से अवैध रूप से व्यापारिक सामग्री की ढुलाई क्यों और कैसे हो रही है? बता दें कि यात्री कम और मांगुर मछली अधिक रहती हैं। अगर कहा जाए तो आम यात्रियों को परेशानी होती है, बल्कि यह यातायात नियमों और सुरक्षा मानकों का भी घोर उल्लंघन है। प्रशासन और पुलिस की चुप्पी कई संदेहों को जन्म देती है। क्या इस अवैध व्यापार पर कार्रवाई होगी? या फिर जिम्मेदार अधिकारी यूं ही आंख मूंदे बैठे रहेंगे? फिलहाल, स्थानीय जनता को इन सवालों के जवाब का इंतजार है।
- प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
बता दें कि गौर करने वाली बात यह है कि उक्त सड़क दुर्घटना में गोरहर पुलिस ने कांड संख्या 29/25 के तहत दर्ज तो कर लिया, लेकिन प्राथमिकी में मछली ढोने जैसी अवैध गतिविधि का कोई जिक्र नहीं किया गया। इससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या इस अवैध कारोबार को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है? या फिर कुछ चुनिंदा लोगों की पहुंच और पैसे के प्रभाव से सच को छुपाया जा रहा है?