
झारखण्ड के हजारीबाग जिले में होमगार्ड की बहाली में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर 23 लोगों को गृहरक्षक के रूप में बहाल कर दिया गया। इनमें छह बिहार के हैं।अवैध तरीके से उनसे सरकारी ड्यूटी भी करायी गयी। हद तो यह है कि किसी की ट्रेनिंग भी नहीं करायी गयी।
वहीं, इसके एवज में उनको अवैध तरीके से सरकारी राशि का भुगतान भी किया गया। इससे सरकार को एक करोड़ तीन लाख 72 हजार 734 रुपये का नुकसान हुआ। उक्त राशि का भुगतान नौ अक्तूबर 2020 से 18 अक्तूबर 2024 तक फर्जी गृहरक्षकों के खाते में किया गया।

होमगार्ड डीजी के निर्देश पर हुई जांच में हुआ खुलासा
होमगार्ड डीजी अनिल पालटा के निर्देश पर हुई जांच में मामले का खुलासा हुआ है। डीजी के आदेश पर हजारीबाग होमगार्ड के समादेष्टा रोहित आनंद ने लोहसिंघना थाना में केस दर्ज कराया है। इसमें होमगार्ड के गिरिडीह जिला समादेष्टा रवि कुमार कुजूर, झारखंड पुलिस के दारोगा चमरा मिंज और हजारीबाग होमगार्ड के पूर्व समादेष्टा विनय कुमार नामक व्यक्ति के अलावा 23 फर्जी गृह रक्षकों सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है।
पूछताछ शुरू हुई, तो 23 होमगार्ड को कार्यमुक्त कर दिया
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि हजारीबाग होमगार्ड के पूर्व समादेष्टा विनय कुमार (सेवानिवृत्त) व हजारीबाग के समादेष्टा रहे रवि कुमार कुजूर (वर्तमान में गिरिडीह के समादेष्टा) द्वारा अलग लोगों के साथ साजिश रचने के बाद फर्जीवाड़ा कर आपराधिक कृत्य किया गया। वहीं, जब मुख्यालय स्तर से पूछताछ की जाने लगी, तब अपनी कारगुजारी छिपाने के लिए बिना मुख्यालय की अनुमति के 23 फर्जी होमगार्ड को कार्यमुक्त कर दिया। वर्ष 2021 में पुन: नामांकन के दौरान फर्जी होमगार्ड के नामांकन के समय कंपनी कमांडर सह कर्तव्य पदाधिकारी चमरा मिंज थे।अभी वह झारखंड पुलिस में हैं।
बिहार के रहनेवाले भी कर दिये गये बहाल
जांच में यह बात सामने आयी कि बिहार के छह लोगों को भी फर्जी तरीके से बहाल कर दिया गया। इनमें गृह रक्षक के तौर पर बहाल आपिस प्रसाद का पता होमगार्ड पंजी में कोर्रा, हजारीबाग था। जबकि, उनके बैंक अकाउंट के खाते में पता बिहार के नवादा जिला अंतर्गत अकबरपुर का था। इसी तरह तपेश्वर कुमार के खाते में दिया गया पता जहानाबाद जिले के रूपा बिगहा का पाया गया। धीरज तिवारी के बैंक खाते का पता औरंगाबाद के पुंदौल का, प्रमोद पाठक का बोधगया, रामअवध तिवारी का खाता औरंगाबाद के कुटुम्बा का और राकेश कुमार के खाते में पता गया जिले के परैया का पाया गया। जबकि केदार पासवान का पता रामगढ़ जिला के भुरकुंडा का पाया गया।


